खास बातें
- - 71 मीटर ऊंची है बुद्ध की प्रतिमा
- - निर्माण में 90 साल से ज्यादा का वक्त लगा था
- - छाती और पेट वाले हिस्से में आ गई थी दरार
- - इसमें 3डी लेजर स्कैनिंग जैसी तकनीक का हुआ है इस्तेमाल
चीन के दक्षिण-पश्चिम सिचुआन प्रांत में विश्व की सबसे बड़ी मानी जाने वाली विशालकाय 71 मीटर ऊंची बुद्ध की प्रतिमा को छह माह की मरम्मत के बाद फिर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। यह निरीक्षण प्रतिमा की पुनरूद्धार योजना का हिस्सा थी। बुद्ध की इस प्रतिमा के निर्माण में 90 साल से ज्यादा का वक्त लगा था।
इसे बनाने की शुरुआत तांग वंश (618-907) के शासन के दौरान वर्ष 713 में हुई थी। लेशान शहर के बाहरी हिस्से में बनी 71 मीटर ऊंची इस प्रतिमा की छाती और पेट वाले हिस्से में दरारें आ गई थी और यह कहीं-कहीं से टूट गई थी।
सरकारी समाचार समिति शिन्हुआ ने बताया कि निरीक्षण कार्य के दौरान ड्रोन से हवाई सर्वेक्षण, थ्री डी लेजर स्कैनिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया। विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त इस प्रतिमा का पहले भी पुनरूद्धार किया जा चुका है।
इसे बनाने की शुरुआत तांग वंश (618-907) के शासन के दौरान वर्ष 713 में हुई थी। लेशान शहर के बाहरी हिस्से में बनी 71 मीटर ऊंची इस प्रतिमा की छाती और पेट वाले हिस्से में दरारें आ गई थी और यह कहीं-कहीं से टूट गई थी।
सरकारी समाचार समिति शिन्हुआ ने बताया कि निरीक्षण कार्य के दौरान ड्रोन से हवाई सर्वेक्षण, थ्री डी लेजर स्कैनिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया। विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त इस प्रतिमा का पहले भी पुनरूद्धार किया जा चुका है।