नई दिल्ली "काश्मीर समस्या ही पाक निर्माण भी ब्रिटिश औपनिवेश की देन है, भारत की सभी सरकारें इसका दंश झेल चुकी है, मोदी सरकार ने जेहादी आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध करने की दिशा में अनुच्छेद ३७० के भाग दो व तीन को निरस्त करने का जो साहसिक कार्य किया है, निसंदेह वह काश्मीर को पुनः हिन्दू राज्य स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा, किन्तु चीन के कब्जे वाले लद्दाख व कश्मीर के हिस्से को और पाकिस्तान द्वारा कब्जे किये हुए शेष काश्मीर को मुक्त कराए बिना यह उपलब्धि अधूरी ही होगी- विश्व हिन्दू पीठ के अध्यक्ष आचार्य मदन ने यह वक्तव्य दिया |
साथ ही आचार्य मदन ने मोदी सरकार द्वारा अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली संवैधानिक दोष को दूर करने की बधाई देते हुए चार मांगे रखी है, यदि सरकार इन पर ध्यान दें तो काश्मीर में भारतीय संस्कृति पुनः स्थापित हो जाएगी |
१. पाक अधिकृत काश्मीर में प्रथम वैदिक विश्विद्यालय माँ शारदा सर्वज्ञ पीठ की का जीर्णोद्धार हो, जहाँ भगवान आदि शंकराचार्य को जगद्गुरु की उपाधि स्वयं माँ शारदा ने प्रदान की थी |
२. श्रीनगर शंकराचार्य पहाड़ी पर भगवान आदि शंकारचार्य की भव्य प्रतिमा स्थापित हो |
३. कश्मीर के उन लगभग हजार मंदिरों का पुनः निर्माण कराया जाए जो पिछले छ सौ वर्षों में कट्टर जेहादी आक्रान्ताओं के शिकार बने, विशेष रूप से सन 90 के बाद काश्मीर को इस्लामिक स्टेट बनाने के लिए सौ से ऊपर मंदिर खंडित किये गए | मुस्लिम शासकों द्वारा मंदिर विध्वंस का इतिहास रहा है, पुरातत्व विभाग के अनुसार राजा ललितादित्य मुक्तिपाडा द्वारा 725-61 ईस्वी में बने ऐतिहासिक और विशालकाय मार्तण्ड सूर्य मंदिर, अनंतनाग, कश्मीर को मुस्लिम शासक सिकंदर बुतशिकन ने तुड़वाया था।