ज्योतिष ग्रंथों की मान्यता के अनुसार शनिदेव क्रूर व पापी ग्रह नही अपितु न्याय के देवता हैं. मनुष्य को उसके पाप और बुरे कार्यों आदि का दंड काल ही निर्धारित करता है. शनि काल के प्रतिनिधि के रूप में जातक को जन्म कुंडली के योग के अनुसार ही शुभ और अशुभ फल प्रदान करते हैं.
⦁ शनिदेव के कारण गणेशजी का सिर छेदन हुआ.
⦁ शनिदेव के कारण ही राम को वनवास जाना पड़ा,
⦁ पांडवों को राज्य से भटकना पड़ा,
⦁ विक्रमादित्य को कष्ट झेलना पड़ा,
⦁ राजा हरीशचंद्र को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं और
⦁ राजा नल और उनकी रानी दमयंती को जीवन में कई कष्टों का सामना करना पड़ा था.
शनि लाल किताब के अनुसार हर साल आपकी कुण्डली के ग्रह अपना स्थान बदलते रहते हैं. ऐसे में आपको अपने हर जन्मदिन पर एक नई कुण्डली बनानी होती है, उसे वर्षफल कुण्डली कहा जाता है.
उस वर्ष ग्रह किस भाव से संबंधित फल देगा, यह वर्षफल कुण्डली ही बताती है. यहां भावों में शनि की स्थिति के आधार पर फल दिए गए हैं. इनका इस्तेमाल आपकी लग्न कुण्डली में शनि की भाव में स्थिति को लेकर भी किया जा सकता है और वर्षफल के अनुसार शनि जिस घर यानी भाव में आ रहा है, उसके अनुसार फलादेश लेने में भी किया जा सकता है.
शनि का पहले भाव में फल
⦁ पहला घर सूर्य और मंगल ग्रह से प्रभावित होता है.
⦁ पहले घर में शनि तभी अच्छे परिणाम देगा जब तीसरे, सातवें या दसवें घर में शनि के शत्रु ग्रह न हों.
⦁ बुध या शुक्र, राहू या केतू, सातवें भाव में हों तो शनि हमेशा अच्छे परिणाम देगा.
⦁ यदि शनि नीच का हो और जातक के शरीर में बाल अधिक हों तो जातक गरीब होगा.
⦁ यदि जातक अपना जन्मदिन मनाता है तो बहुत बुरे परिणाम मिलेंगे हालांकि जातक दीर्घायु होगा.
उपाय
1. शराब और मांसाहारी भोजन से स्वयं को बचाएं.
2. नौकरी और व्यवसाय में लाभ के लिए सुनसान जमीन में सुरमा दफनायें.
3. सुख और समृद्धि के लिए 3 माह तक प्रत्येक मंगलवार को बंदरों को गुड़ चना खिलाएं.
4. बरगद के पेड़ की जड़ों पर मीठा दूध चढाने से स्वास्थ्य ठीक रहेगा. शिक्षा सम्बन्धी परीक्षाओं में सकारात्मक परिणाम मिलेंगे.
शनि दूसरे भाव में
⦁ जातक बुद्धिमान, दयालु और न्यायकर्ता होगा.
⦁ वह धन का आनंद लेगा और धार्मिक स्वभाव का होगा.
⦁ भले ही शनि उच्च का हो या नीच का, यह नतीजा आठवें भाव में बैठे ग्रह पर निर्भर करेगा.
⦁ जातक की वित्तीय स्थिति सातवें भाव में स्थित ग्रह पर निर्भर करेगी.
⦁ परिवार में पुरुष सदस्यों की संख्या छठवें भाव और आयु आठवें भाव पर निर्भर करेगी.
⦁ जब शनि इस भाव में नीच का हो तो शादी के बाद उसके ससुराल वाले परेशान होंगे.
उपाय
1. लगातार 43 दिनों तक नंगे पांव अपने निकट के शिव मंदिर जाएं.
2. माथे पर दही या दूध का तिलक लगाएं.
3. साँप को दूध पिलाए.
शनि तीसरे भाव में
⦁ इस घर में शनि अच्छा परिणाम देता है.
⦁ यह घर मंगल ग्रह का पक्का घर है.
⦁ जब केतु अपने इस घर को देखता है तो यहां बैठा शनि बहुत अच्छे परिणाम देता है.
⦁ जातक स्वस्थ, बुद्धिमान और बहुत सरल स्वभाव का होता है.
⦁ यदि जातक धनवान होगा तो उसके घर में पुरुष सदस्यों की संख्या कम होगी.
⦁ अभावग्रस्त होने की दशा में परिणाम उल्टा होगा.
⦁ यदि जातक शराब और मांसाहार से दूर रहता है तो वह लम्बे और स्वस्थ जीवन का आनंद उठाएगा.
उपाय
1. तीन कुत्तों की सेवा करें.
2. धर्मार्थ चिकित्सालय में आँखों की दवाएं मुफ्त बांटें अथवा दान दें
3. घर में एक कमरे में हमेशा अंधेरा रखना बहुत फायदेमंद साबित होगा.
शनि चौथे भाव में
⦁ यह भाव चंद्रमा का घर होता है. इसलिए शनि इस भाव में मिलेजुले परिणाम देता है.
⦁ जातक अपने माता पिता के प्रति समर्पित होगा और प्रेम व प्रसन्नता से रहने वाला होगा.
⦁ जब कभी जातक बीमार होगा तो चंद्रमा से संबंधित चीजें फायदेमंद होंगी.
⦁ जातक के परिवार से कोई व्यक्ति चिकित्सा विभाग से संबंधित होगा.
⦁ जब शनि इस भाव में नीच का होकर स्थित हो तो शराब पीना, सांप मारना और रात के समय घर की नीव रखना जैसे काम बहुत बुरे परिणाम देते हैं.
⦁ रात में दूध पीना भी अहितकर है.
उपाय
1. साँप को दूध पिलाएं अथवा दूध चावल की खीर किसी गाय या भैंस को खिलाएं.
2. सोमवार को सूर्योदय के समय किसी कुएं में दूध डालें और रात में दूध न पियें.
3. चलते पानी में शराब की कुछ बुँदे डालें।
शनि पांचवें भाव में
⦁ यह भाव सूर्य का घर होता है, जो शनि का शत्रु ग्रह है.
⦁ जातक घमंडी होगा.
⦁ जातक को 48 साल तक घर का निर्माण नहीं करना चाहिए, अन्यथा उसके बेटे को तकलीफ होगी.
⦁ उसे अपने बेटे के बनवाए या खरीदे हुए घर में रहना चाहिए.
⦁ जातक को अपने पैतृक घर में बृहस्पति और मंगल ग्रह से संबंधित वस्तुएं रखनी चाहिए, इससे उसके बच्चों का भला होता है.
⦁ यदि जातक के शरीर में बाल अधिक होंगे तो जातक बेईमान से कार्यो को करने वाला होता है.
उपाय
1. बेटे के जन्मदिन पर नमकीन चीजें बाटें.
2. बादाम का एक हिस्सा मंदिर में बाटें और दूसरा हिस्सा लाकर घर में रख दें.
शनि छठें भाव में
⦁ यदि शनि ग्रह से संबंधित काम रात में किया जाय तो हमेशा लाभदायक परिणाम मिलेंगे.
⦁ यदि शादी के 28 साल के बाद होगी तो अच्छे परिणाम मिलेंगे.
⦁ यदि केतु अच्छी स्थित में हो जातक धन, लाभदायक यात्राओं और बच्चों के सुख का आनंद पाता है.
⦁ यदि शनि नीच का हो तो शनि से सम्बंधित चीजें जैसे चमडा, लोहा आदि को लाना हानिकारक होता है, खासकर तब, जब शनि वर्षफल में भी छठवें भाव में हो.
उपाय
1. एक काला कुत्ता पालें और उसे भोजन करायें.
2. नदी या बहते पानी में नारियल और बादाम बहाएं.
3. सांप की सेवा बच्चों के कल्याण के लिए फायदेमंद साबित होगी.
शनि सातवें भाव में
⦁ यह घर बुध और शुक्र से प्रभावित होता है, दोनों ही शनि के मित्र ग्रह हैं.
⦁ शनि इस घर में बहुत अच्छा परिणाम देता है.
⦁ शनि से जुड़े व्यवसाय जैसे मशीनरी और लोहे का काम बहुत लाभदायक होगा.
⦁ यदि जातक अपनी पत्नी से अच्छे संबंध रखता है तो वह अमीर और समृद्ध होगा और लंबी आयु के साथ अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेगा.
⦁ यदि बृहस्पति पहले घर में हो तो सरकार से लाभ होगा.
⦁ यदि जातक व्यभिचारी हो जाता है या शराब पीने लगता है तो शनि नीच और हानिकर हो जाता है.
⦁ यदि जातक 22 साल के बाद शादी करता है तो उसकी दृष्टि पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है.
उपाय
1. किसी बांसुरी में चीनी भरें और किसी सुनसान जगह जैसे कि जंगल या ऐसा मैदान जहाँ कोई आता ना हो, की भूमि में दबा दें.
2. काली गाय की सेवा करें.
शनि आठवें भाव में
⦁ आठवें घर में कोई भी ग्रह शुभ नहीं माना जाता है.
⦁ जातक दीर्घायु होगा लेकिन उसके पिता की उम्र कम होती है.
⦁ जातक के भाई एक-एक करके शत्रु बनते जाते हैं.
⦁ यह घर शनि का मुख्यालय माना जाता है, लेकिन यदि बुध, राहू और केतु जातक की कुंडली में नीच के हैं तो शनि बुरा परिणाम देगा.
उपाय
1. अपने साथ चांदी का एक चौकोर टुकड़ा रखें.
2. नहाते समय पानी में दूध डालें और किसी पत्थर या लकड़ी के आसन पर बैठ कर स्नान करें.
शनि नौवें भाव में
⦁ जातक के तीन घर होंगे.
⦁ जातक एक सफल यात्रा संचालक (टूर ऑपरेटर) या सिविल इंजीनियर होगा.
⦁ वह एक लंबे और सुखी जीवन का आनंद लेगा साथ ही जातक के माता – पिता भी सुखी जीवन का आनंद लेंगे.
⦁ यहां स्थित शनि जातक की तीन पीढ़ियों को शनि के दुष्प्रभाव से बचाएगा.
⦁ अगर जातक दूसरों की मदद करता है तो शनि ग्रह हमेशा अच्छे परिणाम देगा.
⦁ जातक के एक बेटा होगा, हालांकि वह देर से पैदा होगा.
उपाय
1. बहते पानी में चावल या बादाम बहाएं.
2. बृहस्पति से संबंधित (सोना, केसर) और चंद्रमा से संबंधित (चांदी, कपड़ा) का काम अच्छे परिणाम देंगे.
शनि दसवें भाव में
⦁ यह शनि का अपना घर है, जहां शनि अच्छा परिणाम देगा.
⦁ जातक तब तक धन और संपत्ति का आनंद लेता रहेगा, जब तक कि वह घर नहीं बनवाता.
⦁ जातक महत्वाकांक्षी होगा और सरकार से लाभ का आनंद लेगा.
⦁ जातक को चतुराई से काम लेना चाहिए और एक जगह बैठ कर काम करना चाहिए, तभी उसे शनि से लाभ और आनंद मिल पाएगा.
उपाय
1. प्रतिदिन मंदिर जाएं.
2. शराब, मांस और अंडे से परहेज करें.
3. दस अंधे लोगों को भोजन कराएं.
शनि ग्यारहवें भाव में
⦁ जातक के भाग्य का निर्धारण उसकी उम्र के अडतालीसवें वर्ष में होगा.
⦁ जातक कभी भी निःसंतान नहीं रहेगा.
⦁ जातक चतुराई और छल से पैसे कमाएगा.
⦁ शनि ग्रह राहु और केतु की स्थिति के अनुसार अच्छा या बुरा परिणाम देगा.
उपाय
1. किसी महत्वपूर्ण काम को शुरू करने से पहले 43 दिनों तक तेल या शराब की बूंदें जमीन पर गिराएं.
2. शराब न पियें और अपना नैतिक चरित्र ठीक रखें.
शनि बारहवें भाव में
⦁ शनि इस घर में अच्छा परिणाम देता है.
⦁ जातक के दुश्मन नहीं होंगे.
⦁ उसके कई घर होंगे.
⦁ उसके परिवार और व्यापार में वृद्धि होगी, वह बहुत अमीर हो जाएगा.
⦁ यदि जातक शराब पिए, मांसाहार करे या अपने घर के अंधेरे कमरे में रोशनी करे तो शनि नीच का हो जाएगा.
उपाय
1. किसी काले कपड़े में बारह बादाम बांधकर उसे किसी लोहे के बर्तन में भरकर किसी अंधेरे कमरे में रखने से अच्छे परिणाम मिलेंगे.