गंगा को नाला मानने वाले सरकारी आदेश को अविलम्ब वापस लिया जाए-हरिद्वार में संतों में आक्रोश

गंगा की अविरल धारा को रोकने पर गूंगी ...


हरिद्वार, 2 जुलाई | वर्ष 2016 से हरीश रावत की उत्तराखंड सरकार द्वारा गंगा को स्कैप चैनल यानि नाला घोषित किया हुआ है, जिसे अभी तक भाजपा की सरकार ने निरस्त नहीं किया है. इस कारण गंगा की निर्मलता को दूषित होने से बचाने के लिए, कुम्भ मेला प्रबंधक श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण राजघाट कनखल, हरिद्वार के महंत श्री दुर्गा दासजी महाराज ने आज हरिद्वार में बैठक की. जिसमें प्रमुख संतों ने भाग लिया. 


    महंत श्री दुर्गा दासजी महाराज ने पिछली कांग्रेस की उत्तराखंड सरकार के एक आदेश पत्र के सन्दर्भ से बताया कि किसी षड्यंत्र के तहत ही सर्वानंद घाट से सुखी नदी होते हुए शमशान घाट फिर हर की पैड़ी, ब्रह्मकुंड,हरिद्वार से डामकोटी,कनखल और डामकोटी से सती घाट तक की गंगा को स्कैप चैनल यानि नाला घोषित करके उसमें हरिद्वार शहर का सीवरेज से निकलने वाला मल मूत्र डाला जा रहा है. यह बहुत ही दुखद और गंभीर विषय है कि उत्तराखंड की वर्तमान हिंदूवादी सरकार ने अभी तक गंगा की निर्मलता और पवित्रता से खिलवाड़ करने वाले इस आदेश को निरस्त नहीं किया. गंगा सनातन धर्म की प्राण प्रवाहिका है. गंगा को नाला कहना और उसे प्रदूषित करना दंडनीय अपराध है.


 बैठक के संयोजक पं इंद्र मोहन मिश्रा ने कहा कि आने वाले 21 के हरिद्वार कुम्भ की तैयारियां शुरू होने से पूर्व हर की पैड़ी से सती घाट तक गंगा को स्कैप चैनल का कलंक मिटाने के लिए साधू संतों और हिन्दू वादी संगठनों की एक बैठक अगले सप्ताह कनखल में आयोजित होगी. 


   हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आचार्य मदन ने दूरभाष पर बातचीत करते हुए महंत दुर्गा दासजी महाराज को उनके द्वारा छेड़े 'गंगा मुक्ति आन्दोलन' के लिए समर्थन का आश्वासन दिया. साथ ही कहा.कि वर्तमान में कोराना महामारी के चलते सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए अमरनाथ यात्रा, कावंड यात्रा और चार धाम यात्रा प्रतिबन्धित हो चुकी है, किन्तु यदि शीघ्र ही समाधान नहीं निकाला तो 21 के हरिद्वार कुम्भ में भी ग्रहण लग जाएगा. इसलिए सभी संतों व विद्वानों को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए जिससे हिन्दुओं की आस्था को मिटाने का षड्यंत्र सफल ना हो सके. गंगा को नाला मानने वाले सरकारी आदेश को अविलम्ब वापस लिया जाए.