परिषद के सभापति पंडित इंद्र मोहन मिश्र जी ने जानकारी देते हुए बताया कि कोई भी तीर्थयात्री चाहे वह व्यक्तिगत कर्मकांड के लिए हरिद्वार आता हूं या चार धाम की यात्रा के लिए हरिद्वार प्रवास करें उसे तीर्थ की मर्यादा का पालन अवश्य करना चाहिए। यदि कोई हिंदू हरिद्वार तीर्थ में आकर भी सनातन धर्म के नियमों का उल्लंघन करके मौज मस्ती करता है तो वह अपने पुण्य कर्मों को नष्ट कर देगा। इसलिए ऐसे महापाप से बचाने के लिए तीर्थ मर्यादा अनुपालन निर्देशिका का प्रकाशन किया जा रहा है।
परिषद की कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से तीर्थ मर्यादा अनुपालन निर्देशिका के संपादन का कार्य महामंत्री आचार्य मदन को सौंपा गया।